मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा 

देखना  गौर से  वो टूटा  होगा


बिखर जाने का लिए मलाल वो

भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।

शुक्रवार, 17 नवंबर 2023

हम हैं बिहारी

 खा के भर पेट लिट्टी-चोखा, चलते गमछा झार के 

हम हैं बिहारी भइया हम हैं बिहार के 

डूबते सूरज को अर्घ्य हम देते, उगते को परनामी

धरती मइया को अगोरते, भंइसी को दाना-पानी

बंबई, दिल्ली, कलकत्ता में.... हो$$$$$

बंबई, दिल्ली, कलकत्ता में चमकें हम कपार पे

हम हैं बिहारी भइया, हम हैं बिहार के

ठेकुआ, पिड़ुकिया छान के चलते गमछा में सत्तु सानें

मारें रिजल्ट हम आइएएस के, करते हम कप्तानी

आ चना चबाने भरी खूब चबावें हो$$$$$$

चना-चबेना खूब चबावैं करें मेहनत खूब मजूरी

चोरी-ठगी हमको ना आवै, आवै ना जी हुजूरी

हमरे पसीनवा से चमके है देशवा संसार में

हम हैं बिहारी भइया हम हैं बिहार के 

बोरा-झोरा ले के निकलते, डिग्री ले के आते

कुदाल फावड़ा टोकरी उठा के संसद हम ही बनाते

चंद्रयान को भी रच देते, पुल-पुलिया भी गढ़ देते

अरे हमरे बदन से टपके पसीनवा ठेठ ईमान के

हम हैं बिहारी भइया हम हैं बिहार के 

 

शुक्रवार, 21 जुलाई 2023

चांद जलता होगा

बाकी दुनिया को तुम केवल बस लड़की ही लगती हो

एक मुझ दीवाने की खातिर इतना क्यों तुम सजती हो

ये नकली श्रृंगार ज़माने को ही अच्छे लगते हैं

मुझको तो तुम रात-अंधेरे चांद सरीखी लगती हो।


ये जो पानी में झिलमिल सा रोज़ ही चांद उतरता है

मेरी आंखों में तुम वो ही चांद सा झिलमिल करती हो‌

और कल ही रात जो तुमको देखा मद्धम रौशन कमरे में

सुंदरता को कह के आया तुम उसके जैसी लगती हो

चांद भी तुमको देख कर अब जलता होगा मन ही मन

चांद को भी मालूम है ये तुम उससे सुंदर लगती हो।


मंगलवार, 18 जुलाई 2023

रब झूठा है

 तुमको खोकर जो भी पाया

सब झूठा है

सच कहता हूं रब झूठा है


जिनके सम्मुख जोड़े मैंने

हाथ प्रार्थनाओं में झुक कर

अश्रु से धोए मैंने जिनके चौखट

घंटों रुक कर

पत्थर से ज्यादा न निकले

मंदिर-मंदिर बैठे भगवान

मेरी आहें जब भी निकलीं

बहरे हो गए उनके कान

जानता हूं भाग्य मेरा मुझसे रूठा है

सच कहता हूं रब झूठा है 


पाषाणों ने सुनी ही कब है

प्रेम की पीड़ा, प्यार की भाषा

उन बहरे भगवानों से क्यों

पाले हृदय कोई अभिलाषा 

देवों आगे जो चढ़ता 

हर वो सिक्का खोटा है 

सच कहता हूं रब झूठा है।








शुक्रवार, 31 मार्च 2023

नया गठबंधन

मुल्क में मेरे चुनाव की तैयारी हो रही है

सुना है चाकुओं की पसलियों से यारी हो रही है

वो बता रहे हैं कि जनहित में पाला बदल लिया

हमें मालूम है कि जनता से मक्कारी हो रही है।

शुक्रवार, 6 जनवरी 2023

जीवन सरिता

जिस नदिया को पूर्ण सफर कर

सागर तट जाना होता है

लय-छंद की जिस सरिता को

घाटों से टकराना होता है

उसके जीवन की सरिता को

निश्छल ही बहना पड़ता है

और हृदय के महाकाव्य को

आंखों से कहना पड़ता है.


महाकाव्य है वही

रचा जिसे प्रेम के छंदों ने

महाकाव्य है वही

गहा जिसे भावों के मकरंदों ने

और पवित्रता की वेदी पर

जो तप कर तेज निखरता हो

महाकाव्य है वही

जो मनुजता से रोज सवंरता हो.

मंगलवार, 19 अप्रैल 2022

चौकीदार ही निकला चोर

आर्यावर्त के शांतिकुंज में हुई समस्या भारी 

एक ही रात में कई घरों में हो गई सेंधमारी 


सिन्हा जी की दुल्हनिया के गहने ले गए चोर 

पांडे जी भी खोज रहे हैं साइकिल चारों ओर 

पासवान जी की गाड़ी का पहिया हो गया गायब 

और ठाकुर जी सोच रहे हैं एसी कहां गई साहब 


चोरों का आतंक बढ़ा 

मचा घर-घर में हाहाकार 

पहले तो सिर्फ पहिया गई थी 

अब तो गायब हो गई कार


आर्यावर्त में खींच गई है चिंता की लकीर 

चौकीदार के होते कैसे लुट गया ये प्राचीर

रात-रात भर डंडे फटकारे 

और सीटी बजाता 

चौकीदार है पूरी रात गलियों में आता-जाता

 

बड़ा सजग है, बड़ा सुघड़ है 

दिखता संत समान 

दाढ़ी-बाल तो ऐसे रखता जैसे संत महान


ऐसे चौकीदार के होते कैसे लग गई सेंध 

मंथन के बाद हाथ लगी युवा मंडली के गेंद


चोरों की धरपकड़ के लिए खूब सोच-विचार 

कुछ युवकों की टीम हो गई फिर तैयार


आधी रात जब हुई अचानक  निकला चौकीदार 

उसके पीछे टपका रहे हैं गली के कुत्ते लार 

उन कुत्तों के सामने फेंक रहा वह बोटी 

कुछ कुत्तों के सामने रूखी-सूखी रोटी 

दुम हिलाते ये कुत्ते भूल गए हैं भौंकना 

और चौकीदार आगे बढ़ रहा होकर बेहद चौकन्ना 

कर्नल केवट जी के घर का पहले तोड़ा ताला 

फिर बंसल जी के घर से निकला ओढ़े चादर काला 

युवा मंडली थी चौकन्ना 

शोर मचा चहुंओर 

काला चादर उतर गया था चौकीदार ही निकला चोर।


असित नाथ तिवारी

तन्हा

 वो जो किसी दिन तुम्हें चुभा होगा  देखना  गौर से  वो टूटा  होगा बिखर जाने का लिए मलाल वो भरी महफ़िल में भी तन्हा होगा।